संपादकीय

विदेशी मुद्रा पर भारत की कम हो रही निर्भरता

अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश इसलिए नहीं है कि उसके पास बड़े-बड़े हथियार हैं, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था भी बहुत मजबूत है। इसका एक कारण यह भी है कि उसकी करेंसी डॉलर आज सारी दुनिया में चलती ही नहीं, बल्कि दौड़ती है।

कई देश तो डॉलर न होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतर भी नहीं पाते और कई बार निहायत जरूरी सामान, जिनमें दवाएं भी हैं, खरीद नहीं पाते. हमने कोरोना के कहर के दौरान देखा है कि कई देश वैक्सीन सिर्फ इसी कारण से खरीदने में असमर्थ थे। यह तो भला हो भारत का, जिसने उस मुश्किल घड़ी में मजबूर देशों का साथ दिया।

भारत ने डॉलर के महत्व को शुरू से ही समझा है। आज भारत के पास चीन के बाद दूसरे स्थान का इस विदेशी मुद्रा का भंडार है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत के पास 683 अरब डॉलर हैं, जो हमारी अपनी मुद्रा रुपये को स्थिर रखने तथा बड़ी खरीदारी, जैसे लड़ाकू विमान और अन्य हथियार वगैरह, के काम में आता है।

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